Hindi; Sparsh; ch-1

studied byStudied by 0 people
0.0(0)
learn
LearnA personalized and smart learning plan
exam
Practice TestTake a test on your terms and definitions
spaced repetition
Spaced RepetitionScientifically backed study method
heart puzzle
Matching GameHow quick can you match all your cards?
flashcards
FlashcardsStudy terms and definitions

1 / 28

encourage image

There's no tags or description

Looks like no one added any tags here yet for you.

29 Terms

1

ऐसी बाँणी बोलिये, मन का आपा खोइ।
अपना तन सीतल करै, औरन कौ सुख होइ।।

कबीर कहते हैं की हमें ऐसी बातें करनी चाहिए जिसमें हमारा अहं ना झलकता हो। इससे हमारा मन शांत रहेगा तथा सुनने वाले को भी सुख और शान्ति प्राप्त होगी।

New cards
2

कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूंढै वन माँहि। 

ऐसैं घटि-घटि राँम है, दुनियाँ देखै नाँहि।।

यहाँ कबीर ईश्वर की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कहा है कि कस्तूरी हिरन की नाभि में होती है लेकिन इससे अनजान हिरन उसके सुगंध के कारण उसे पूरे जंगल में ढूंढ़ता फिरता है ठीक उसी प्रकार ईश्वर भी प्रत्येक मनुष्य के हृदय में निवास करते हैं परन्तु मनुष्य इसे वहाँ नही देख पाता। वह ईश्वर को मंदिर-मस्जिद और तीर्थ स्थानों में ढूंढ़ता रहता है।

New cards
3

जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि।

सब अँधियारा मिटि गया, जब दीपक देख्या माँहि।।

यहाँ कबीर कह रहे हैं की जब तक मनुष्य के मन में अहंकार होता है तब तक उसे ईश्वर की प्राप्ति नही होती। जब उसके अंदर का अंहकार मिट जाता है तब ईश्वर की प्राप्ति होती है। ठीक उसी प्रकार जैसे दीपक के जलने पर उसके प्रकाश से आँधियारा मिट जाता है। यहाँ अहं का प्रयोग अन्धकार के लिए तथा दीपक का प्रयोग ईश्वर के लिए किया गया है।

New cards
4

सुखिया सब संसार है, खायै अरु सोवै।
दुखिया दास कबीर है, जागै अरु रोवै।।

कबीरदास के अनुसार ये सारी दुनिया सुखी है क्योंकि ये केवल खाने और सोने का काम करता है। इसे किसी भी प्रकार की चिंता नहीं है। उनके अनुसार सबसे दुखी व्यक्ति वो हैं जो प्रभु के वियोग में जागते रहते हैं। उन्हें कहीं भी चैन नही मिलता, वे प्रभु को पाने की आशा में हमेशा चिंता में रहते हैं।

New cards
5

बिरह भुवंगम तन बसै, मन्त्र ना लागै कोइ।
राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ।।

जब किसी मनुष्य के शरीर के अंदर अपने प्रिय से बिछड़ने का साँप बसता है तो उसपर कोई मन्त्र या दवा का असर नहीं होता ठीक उसी प्रकार राम यानी ईश्वर के वियोग में मनुष्य भी जीवित नही रहता। अगर जीवित रह भी जाता है तो उसकी स्थिति पागलों जैसी हो जाती है।

New cards
6

निंदक नेडा राखिये, आँगणि कुटी बँधाइ।
बिन साबण पाँणी बिना, निरमल करै सुभाइ।।

संत कबीर कहते हैं की निंदा करने वाले व्यक्ति को सदा अपने पास रखना चाहिए, हो सके तो उसके लिए अपने पास रखने का प्रबंध करना चाहिए ताकि हमें उसके द्वारा अपनी त्रुटियों को सुन सकें और उसे दूर कर सकें। इससे हमारा स्वभाव साबुन और पानी की मदद के बिना निर्मल हो जाएगा।

New cards
7

पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुवा, पंडित भया ना कोइ।
ऐकै अषिर पीव का, पढ़ै सु पंडित होई।।

कबीर कहते हैं की इस संसार में मोटी-मोटी पुस्तकें पढ़-पढ़ कर कई मनुष्य मर गए परन्तु कोई भी पंडित ना बन पाया। यदि किसी मनुष्य ने ईश्वर-भक्ति का एक अक्षर भी पढ़ लिया होता तो वह पंडित बन जाता यानी ईश्वर ही एकमात्र सत्य है, इसे जाननेवाला ही वास्तविक ज्ञानी है।

New cards
8

हम घर जाल्या आपणाँ, लिया मुराडा हाथि। 

अब घर जालौं तास का, जे चले हमारे साथि।।

कबीर कहते हैं की उन्होंने अपने हाथों से अपना घर जला लिया है यानी उन्होंने मोह-माया रूपी घर को जलाकर ज्ञान प्राप्त कर लिया है। अब उनके हाथों में जलती हुई मशाल है यानी ज्ञान है। अब वो उसका घर जालयेंगे जो उनके साथ जाना चाहता है यानी उसे भी मोह-माया के बंधन से आजाद होना होगा जो ज्ञान प्राप्त करना चाहता है।


New cards
9

 बाँणी

वाणी

New cards
10

आपा

अहंकार

New cards
11

सीतल

ठंडा

New cards
12

कस्तूरी

एक सुगन्धित पदार्थ

New cards
13

कुंडलि

नाभि

New cards
14

माँहि

भीतर

New cards
15

मैं

अंहकार

New cards
16

हरि

भगवान

New cards
17

मिटि

मिटना

New cards
18

अरु

और

New cards
19

बिरह

वियोग

New cards
20

भुवंगम

साँप

New cards
21

बौरा

पागल

New cards
22

निंदक

बुराई करने वाला

New cards
23

नेड़ा

निकट

New cards
24

मुवा

मर गया

New cards
25

भया

हुआ

New cards
26

पीव

प्रियतम या ईश्वर

New cards
27

मुराडा

जलती हुई लकड़ी

New cards
28

सुभाइ

स्वभाव

New cards
29

तास का

उसका

New cards

Explore top notes

note Note
studied byStudied by 18 people
899 days ago
5.0(1)
note Note
studied byStudied by 32 people
794 days ago
5.0(1)
note Note
studied byStudied by 1 person
28 days ago
5.0(1)
note Note
studied byStudied by 103 people
856 days ago
5.0(1)
note Note
studied byStudied by 3 people
761 days ago
5.0(1)
note Note
studied byStudied by 10 people
693 days ago
4.5(2)
note Note
studied byStudied by 39 people
953 days ago
5.0(1)
note Note
studied byStudied by 11 people
776 days ago
5.0(1)

Explore top flashcards

flashcards Flashcard (33)
studied byStudied by 3 people
792 days ago
5.0(1)
flashcards Flashcard (62)
studied byStudied by 5 people
765 days ago
5.0(1)
flashcards Flashcard (82)
studied byStudied by 10 people
56 days ago
5.0(1)
flashcards Flashcard (40)
studied byStudied by 5 people
171 days ago
5.0(1)
flashcards Flashcard (20)
studied byStudied by 115 people
507 days ago
5.0(1)
flashcards Flashcard (25)
studied byStudied by 12 people
468 days ago
5.0(1)
flashcards Flashcard (25)
studied byStudied by 2 people
661 days ago
5.0(1)
flashcards Flashcard (38)
studied byStudied by 38 people
8 days ago
5.0(1)
robot